लाल बत्ती पर खड़ी बस

वह लड़की असल में प्यार करना चाहती है. पर अभी सिर्फ़ किताब पढ़ रही है. उनकी कॉलेज बस में कोई लड़का नहीं है. लड़का सिर्फ़ किताब में है. किताब प्यार पर है. दिल बना है. कुछ अंग्रेज़ी में लिखा भी है. 'अवर इम्पॉसिबल लवस्टोरी'. शायद वह प्यार में हो भी. या कि बगल में खड़ी इस बस में बैठी हर लड़की किसी न किसी के प्यार में हो. अगर ऐसा नहीं है, तब हम चुप कब होते हैं? पता नहीं, यह कैसे हुआ होगा कि सब चुप हैं. कोई किसी से बात नहीं कर रहा है. हम तो बचपन से कहीं जाने के लिए दोस्तों के साथ बस का इंतज़ार किया करते थे. लेकिन यहाँ कोई किसी से बात नहीं कर रहा. एक ने कान में हेडफ़ोन की लीड लगा रखी है. 

आगे की तरफ़ नज़र गयी तो एक दूसरी लड़की ने भी ऐसे ही कानों को व्यस्त रखा हुआ था. दरवाज़े के बिलकुल पास बैठी उस लड़की के पास ही किसी की गोद में मेडिकल की कोई मोटी सी किताब रखी हुई है. किताब के पन्ने बहुत पुराने हैं. पीले से भी मुरझाये हुए. मुड़े भी हैं कुछ. कहीं कोई याद छोड़ गया होगा. पर वह पढ़ नहीं रही है. खिड़की के बाहर देख रही है. पता नहीं लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की यह लडकियाँ कितने साल बाद किसी अस्पताल में डॉक्टर बनकर किसी वार्ड में नाईट शिफ्ट कर रही होंगी और वहाँ आये किसी लड़के से बात करना चाहेंगी पर कर नहीं पायेंगी. बात करेंगी भी तो क्या? तब वह लडकियाँ तो रहेंगी नहीं. डॉक्टर हो जाएँगी.

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